मांगलिक दोष और उसका परिहार Manglik Dosha Exceptions

मांगलिक दोष और उसका परिहार Manglik Dosha Exceptions


जब भारत में विवाह की बात करते है, तब मंगल दोष, कुजा दोष या मांगलिक दोष आम तौर पर आता है, लेकिन कई लोग जिनकी कुंडली में यह दोष मौजूद है वो लोग के लिए टेन्षन हो जाती है, तो यह मंगल दोष क्या है ? कुंडली मे हो तो लोगो की रात दिन की नीद उड़ जाती है |

कुंडली मे मंगल दोष की जाँच कैसे करें ?

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें घर में मंगल ग्रह हो तो व्यक्ति मांगलिक कहलाता है|  ज्योतिष के कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अगर मंगल दूसरे घर मे हो तो  भी व्यक्ति मांगलिक होता है | लेकिन अन्य विशेषज्ञों दूसरे घर में मंगल ग्रह को मांगलिक  नहीं बोलते है|

मंगल एक क्रूर ग्रह होने के कारण अगर लगन कुंडली या चंदर कुंडली उपर के किसी भी घर / भाव मे हो तो व्यक्ति मांगलिक बनता हैं |  मंगल ग्रह आग का प्रतिनिधित्व करता हैं | मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव हिंसा में परिणाम कर सकते हैं| झगड़े , संघर्ष, हिन्सा से खुद और साथी को चोट पहुँचाता हैं| तलाक और पति की मौत भी हो सकती है| मंगल ग्रह एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता हैं| व्यक्ति की कुंडली पर काफी प्रभाव डालता है|

अगर मंगल 1/4/7/8/12 घर या भाव में मांगलिक बनता है तो इस दुनिया में 50 प्रतिशत लोग मांगलिक बनते है | इस का मतलब यह हुआ के 50 प्रतिशत लोग मांगलिक है, तो इस का मतलब है कि इन सब 50 प्रतिशत लोगो की विवाहिक जीवन मे आनंद नही है|

पहला भाव खुद का होता है, दूसरा भाव परिवार का, चोथा भाव घर की सुख और संपाति का है, सात्वा घर पति या पत्नी का है, आठवा भाव आयु का है और बारहवा भाव भोग का है | इसलिए अगर मंगल किसी भी भाव मे हो तो उस भाव को घराब ही करेगा|

यह तो सच है के जातक की पत्रिका मे 1/4/7/8/12 भाव मे मंगल होने से मांगलिक बनता है, पर कुछ ग्रह के प्रभाव से मंगल ग्रह की शांति होती है| जब कुंडली मे मंगल पर शनि, राहु , बृहस्पति जैसे अन्य ग्रहों के संबंध बने मांगलिक दोष ख़तम होता  है| एक अच्छा ज्योतिषी पत्रिका मे देख सकता है की मंगल दोष जातक की पत्रिका मे कटता हे की नही.  

1 . नीचे कुछ पायंट्स हे जिस के कारण जातक के पत्रिका मे मंगल दोष कटता है | 

क) मंगल ग्रह ऊंचा राहु का संबंध.

ख) मंगल ग्रह शनि का संबंध.

ग) मंगल ग्रह बृहस्पति का संबंध.

घ) जब मंगल ग्रह योगकर्का ग्रह है जेसे के कर्क और सिंग लग्न के लिया. कुछ ज्योतिषी एस को नही मानते |

ई ) मंगल ग्रह ऊंचा हॉ .

च) मंगल ग्रह वृश्चिक और मेष राशि मे , यानी के अपने घर में .

जातक की पत्रिका मे 1/4/7/8/12 भाव मे मंगल होने का एक सा प्रभाव नही होता | मंगल 7/8 भाव मे ज़्यादा खराब है क्योंकि जातक की पति या पत्नी सम्बन्ध और आयु खराब करता है | यदि आप अपनी पत्रिका मे मंगल दोष को विशेष रूप से जानना चाहते है, तो मुझे संपर्क करे |

आप इस लेख के बारे  मे अपनी टिप्पणी करे तो बहुत कृपया होगी |

उपचार के साथ मंगल दोष की रिपोर्ट

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