आकाश में तारा समूह को नक्षत्र कहते हैं।
नक्षत्र शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है और यह दो अलग-अलग शब्दों से बना है जो कि ‘नक्स’ और ‘शतर’ हैं।
‘नक्स’ शब्द का अर्थ है ‘आकाश’ और ‘शतर’ शब्द का अर्थ है ‘क्षेत्र’ जो कि एक साथ आकाश का क्षेत्र दर्शाता है।
आपके जन्म के समय चन्द्रमा जिस नक्षत्र में स्थित होता है , वही आपका जन्म नक्षत्र कहलाता है ।
ज्योतिष शास्त्र में विभिन्न प्रकार के नक्षत्रों का जिक्र किया गया है। ये सभी नक्षत्र जितने महत्वपूर्ण हैं उतने ही वैयक्तिक जीवन पर भी असर डालते हैं।
आपको यकीन नहीं होगा लेकिन ये सच है कि जिस नक्षत्र में इंसान जन्म लेता है वह नक्षत्र उसके स्वभाव और आगामी जीवन पर अपना असर जरूर छोड़ता है।
ऐसा माना जाता है कि जब कोई नक्षत्र किसी ग्रह से संबंधित में होता है, तो यह अन्य ग्रहों को प्रभावित करता है।
ज्योतिष के अनुसार ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति का जीवन उसकी जन्म कुंडली के अनुसार चलता है। कब अच्छा समय आएगा और कब समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, यह सब कुंडलीमें नक्षत्र को देखकर जाना जा सकता है।
नक्षत्र के द्वारा आप ये भी जान सकते हैं कि किस क्षेत्र में कॅरियर बनाना आपके लिए फायदेमंद होगा।
नक्षत्र आपके भाग्य को भी दर्शाता है कि आप कितने भाग्यशाली हैं।
ज्योतिष विशेषज्ञों का कहना है कि इन 27 नक्षत्र में से आपका जन्म किस नक्षत्र में हुआ है, इसके आधार पर अगर आप अपने कॅरियर का निर्धारण करेंगे तो आपको सफलता अवश्य मिलेगी।
जैसे की अगर आपका जनम अश्विनी नक्षत्र में हुआ है तो आप बहुत ऊर्जावान होने के सथ-साथ हमेशा सक्रिय रहना पसंद करते है।आपकी महत्वाकांक्षाएं आपको संतुष्ट नहीं होने देतीं। ये लोग अच्छे जीवनसाथी और एक आदर्श मित्र साबित होते हैं।
अश्विनी नक्षत्र में जन्मे लोग अगर यातायात से जुड़ा कोई कार्य करेंगे तो उन्हें सफलता मिलेगी। इसके अलावा खेल, दवाइयां, कृषि, जिम, जौहरी, सुनार आदि से संबंधित क्षेत्र भी फायदा पहुंचाएंगे