नाड़ी दोष निवारण | नाड़ी दोष के लिए उपाय

नाड़ी दोष निवारण | नाड़ी दोष के लिए उपाय

ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार नाड़ी तीन प्रकार की होती हैं। ये तीन प्रकार हैं: आदि नाड़ी, मध्य नाड़ी और अन्त्य नाड़ी। व्यक्ति की जन्म कुंडली में चन्द्रमा जिस नक्षत्र में होता है, उस आधार पर व्यक्ति की नाड़ी की स्थिति का पता चलता है। नाड़ी मिलाप के अधिकतम 8 अंक होते है। जब भी गुण मिलाप होता है, तो उसमें इसका बड़ा अहम रोल होता है, इसलिए ज़रूरी है कि आप किसी अच्छे पंडित से ही अपनी कुंडली दिखाए। खास तौर पर अगर ‘नाड़ी पाद वेद’ निकले तो ऐसे में विवाह के लिए आगे न बड़े।

तीन नाड़ियों में आने वाले नक्षत्र इस तरह हैं। आइये इसे देखें

1- ज्येष्ठा, मूल, आर्द्रा, पुनर्वसु, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, शतभिषा, पूर्वा भाद्र और अश्विनी नक्षत्रों की गणना आदि या आद्य नाड़ी में की जाती है।

2- पुष्य, मृगशिरा, चित्रा, अनुराधा, भरणी, घनिष्ठा, पूर्वाषाठा, पूर्वा फाल्गुनी और उत्तरा भाद्र नक्षत्रों की गणना मध्य नाड़ी में की जाती है।

3- स्वाति, विशाखा, कृतिका, रोहणी, अश्लेषा, मघा, उत्तराषाढ़ा, श्रावण और रेवती नक्षत्रों की गणना अन्त्य नाड़ी में की जाती है।

बता दें कि नाड़ी दोष का व्यक्ति के ब्लड ग्रुप के साथ कोई लेना-देना नहीं होता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर वर और कन्या दोनों के नक्षत्र एक नाड़ी में होते है, तब जाकर नाड़ी दोष होता है। जिसे अशुभ माना जाता है । बहुत बार पंडित के मना करने पर भी कई लोग शादी के लिए आगे बढ़ना चाहते है। ऐसे में नाड़ी दोष शांत करने के लिए कुछ उपाय भी बताए जाते है, जोकि इस प्रकार है:

नाड़ी दोष के कारण हैल्थ प्रोब्लेम के साथ-साथ संतान उत्पत्ति में दिक्कत आती है। साथ ही पति-पत्नी के बीच रिश्तों में तनाव की बड़ी संभावना होती है। तो ऐसे में आपको नाड़ी दोष शांत करने के लिए किसी ब्राह्मण को गाय का दान करना चाहिए।

अगर आप ब्राह्मण को गाय का दान नहीं दें सकते, तो उसकी जगह स्वर्ण का दान भी दें सकते है। इससे भी नाड़ी दोष शांत होता हैं।

वर और वधू के बराबर अन्न, चावल, घी का दान करने से भी नाड़ी दोष को थोड़ा शांत किया जा सकता है।

नाड़ी दोष को शांत करने के लिए व्यक्ति सोने से सर्प की आकृति बनाकर उसकी विधि पूर्वक प्राण-प्रतिष्ठा करवाएँ और उसके बाद महामृत्युंजय मंत्र का 7 दिन जप करें। जप पूर्ण हो जाने के बाद आप अपनी योग्यता के अनुसार सोना, गाय, वस्त्र अथवा अन्न का दान कर दें। इससे नाड़ी दोष शांत होता है।

महामृत्युंजय मंत्र के जप के अलावा आप भगवान विष्णु की पूजा करके भी नाड़ी दोष को शांत कर सकते है।

आप अपनी सालगिराह के दिन ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद उन्हें वस्त्र दान कर दें। इसकी मदद से भी नाड़ी दोष शांत होता है।

ऐसा माना जाता है कि लड़का या लड़की दोनों एक नाड़ी के हुए, तो ऐसे में लड़के के प्राणों के जाने का खतरा होता है। तो ऐसे में महामृत्युंजय जाप का सहारा लेकर इस बला को टाला जा सकता है।

तो यह थे कुछ ऐसे उपाय जिनकी मदद से आप अपने नाड़ी दोष को शांत कर सकते है। इसके अलावा जिन लोगों को ज्योतिषशास्त्र पर पूरा भरोसा है, ऐसे लोग नाड़ी दोष में विवाह को टालना बेहतर समझते है क्योंकि वो इसके कारण भविष्य में पैदा होने वाले खतरे को जानते है। लेकिन कुछ लोग इसके विपरीत जाकर भी शादी कर लेते है। खैर, क्या करना है और क्या नहीं, यह फैसला पूरी तरह आप पर निर्भर करता है।

 

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