जन्म कुण्डली अथवा वर्ष कुण्डली में चन्द्रमा शुभ होते हुए भी यदि किसी कारणवश शुभ फल पूर्णतया प्रकट न कर रही हो तो लाल किताब में निम्नलिखित उपाय प्रतिपादित किये गए हैं।
शुभ चन्द्र की स्थिति में –
- चाँदी के बर्तनों का प्रयोग करना एवं चारपाई के पायों में चाँदी के कील ठुकवाना।
- सफ़ेद मोतियों की माला अथवा चाँदी की अँगूठी में मोती धारण करना।
- शुभ कार्यारम्भ करने से पूर्व दूध का कुंभ रखना।
- घर में श्वेत शंख रखना।
- माता से चावल, दूध या चाँदी की वस्तुएँ लेकर घर में रखना अथवा चावल, चाँदी वस्त्रों आदि के व्यापार में माता का आशीर्वाद कल्याणकारी हो।
- शिव पूजन करना, गंगा स्नान करना, सोमवार का व्रत रखना।
- दूध का बर्तन सिरहाने रखकर दूसरे दिन की प्रातः को कीकर के वृक्ष पर डालना।
- पूर्णमाशी को चन्द्रकिरणों में रखकर खीर खाना।
यदि कुण्डली में चन्द्र अशुभ हो तो चन्द्रमा के अशुभत्व को निवारण हेतु उपाय
चन्द्र अशुभ हो तो उपाय लाल किताब के अनुसार
- शीशे के गिलास में दूध पानी आदि पीने से परहेज रखना तथा चाँदी के बर्तनों में दूध, पानी शुभ होगा। चारपाई के पाँव पर ताम्बे की कील लगाना शुभ होगा। यह उपाय प्रथम भाव में अशुभ चन्द्र के लिए विशेष लाभकारी है।
- पानी में कच्चा दूध मिला कर पीपल को डालना।
- द्वितीय चन्द्र अशुभ हो तो अपनी माता से चाँदी व चावल लेकर सफ़ेद कपड़े में बांध कर संभाल कर रखें।
- चन्द्र 3रे अशुभ हो तो कन्या के जन्मदिन पर चन्द्रमा की और पुत्र के जन्म दिन पर सूर्य की वस्तुएँ दान करें।
- चन्द्र पांचवें अशुभ हो तो सोमवार को श्वेत कपड़े में चावल-मिश्री बाँध कर चलते पानी में बहाना शुभ होगा।
- शिव पूजन करना तथा वर्ष में एक बार गंगा स्नान करना कल्याणकारी होगा।
- छटे चन्द्र अशुभ हो तो शमशान घाट पर या अस्पताल आदि में नल पिआऊ आदि जल का प्रबंध करना शुभ होगा। तथा पिता को अपने हाथ से दूध पिलाना कल्याणकर होगा।
- आठवें चन्द्र अशुभ हो तो शमशान के नल से पानी भरकर घर में रखना शुभ होगा।
- 12वें घर चन्द्र अशुभ हो तो वर्षा का पानी घर में संभल कर रखना तथा पानी का घूंट पीकर काम शुरू करना कल्याणकर होगा।