शनि साढ़ेसाती – ढैय्या या शनि की दशा के सरल उपाय

Shani sade satti remedies

हर व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी शनि की दशा जरूर आती है। जब शनि व्यक्ति की राशि से एक राशि पीछे आता है तब साढ़ेसाती शुरू हो जाती है। शनि की महादशा व्यक्ति के जीवन मे परेशानी, संकट, दुर्घटना, आर्थिक नुकसान, अपमान आदि देता है | शनि को दु:ख, दारिद्रय का ग्रह माना जाता है। शनि कर्म के देवता हैं और आपके किए गए कार्य का फल जरूर देते हैं। शनि की दशा १९ साल की होती है। जिनकी कुण्डली में शनि प्रतिकूल स्थिति में होती है उन्हें शनि की दशा, शनि साढ़ेसाती एवं शनि की ढैय्या के दौरान काफी संघर्ष करना पड़ता है। शनि के प्रभाव के कारण इन्हें शारीरिक मानसिक एवं आर्थिक समस्याओं से गुजरना होता है। शनि की साढ़ेसाती अथवा ढ़ैय़्या में जीवन में बदलाव अवश्य आता है|

शनि के किए जाने वाले उपाय को करके आप कुंडली के उन दोषों को दूर कर सकते हैं जिनके कारण आपको कष्ट उठाने पड़ते हैं।

शनि शांति के सरल उपाय

यदि आप पर शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती चल रही है आप खुद को तमाम परेशानियों से घिरा पा रहे हैं तो शमी के वृक्ष की जड़ को काले कपड़े में पिरोकर शनिवार की शाम दाहिने हाथ में बांधे तथा ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम: मंत्र का तीन माला जप करें।

शनि को शांत रखने के लिए शनि के बीज मंत्र की कम से कम तीन मालाएँ अवश्य करनी चाहिए और मंत्र जाप से पूर्व संकल्प करना जरुरी है. बीज मंत्र के बाद शनि स्तोत्र का पाठ करना लाभदायक होगा.

बीज मंत्र – “ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:”

शनि की ढैय्या अथवा शनि की साढ़ेसाती अथवा शनि पाया के अशुभ फलों को शांत करने के लिए शनि के बीज मंत्र अथवा वैदिक मंत्र के 23 हजार जाप करने चाहिए. जाप पूरे होने पर दशाँश हवन करना चाहिए अथवा उचित ब्राह्मण से करवा लेना चाहिए.

शनि का बीज मंत्र ऊपर दिया गया है और शनि का का वैदिक मंत्र निम्नलिखित है:-
“ऊँ शन्नो देवी रभिष्टय आपो भवन्तु पीतये, शं योरभिस्रवन्तु न: ।। शं नम:।।”

शनि के दुष्प्रभाव को शांत करने के लिए शनिवार के दिन व्रत रखने चाहिए. काली उड़द की दाल अथवा सप्त अनाज का शनिवार को दान करना चाहिए. काले वस्त्र भी दान किए जा सकते हैं, शिव की उपासना करनी चाहिए.

तांबे के बर्तन में सरसो का तेल डालकर उसमें अपना चेहरा देखने के बाद वो तेल किसी निर्धन व्यक्ति को दान कर दें।

तेल से एक परांठा बनाकर गाय के बछड़े को खिलाने से भी शनि देव के कोप को कम किया जा सकता है।

शनि देव को प्रसन्न करने के लिए काली चींटियों को गुड़ खिलाना चाहिए। नित्य हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी आप शनि के कोप से बच सकते हैं।

प्रत्येक शनिवार के दिन व्यक्ति को अपने हाथों से दही और चावल बनाकर गरीबों को दान करने चाहिए।

शनिवार के दिन गरीबों को कंबल, चप्पल और कपड़े दान करने चाहिए।

 

 

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